हाशिया

दास्तान हाशिये की
अजब सी है
रख हाशिये में कभी
दुनिया हाशिया छुड़ाती सी
उलझी हुई राह
अपनी सुलझाती सी
बेदख़ल बित्ता भर
हालात हाशिया एक नज़र
वह अब भी क़रीने से है